भारतीय समाज का तांत्रिक स्वरुप
योग , तंत्र और ज्योतिष इन तीनों शास्त्रों का स्थान विश्व साहित्य और भारतीय संस्कृत में सर्वोपरि रहा है। वास्तव में सम्पूर्ण भारत में जितने भी मठ ,मंदिर और पवित्र सिद्धःस्थल है इन सभी में व्याप्त पूजा-पाठ , धर्म ,संस्कृति और साधना का मूल स्त्रोत पूर्व में भारतीय तांत्रिक वाङ्ग्मय ही रहा है।