उल्टा स्वास्तिक बनाने से क्या होता है?

उल्टा स्वास्तिक बनाने से क्या होता है?

किसी शुभकार्य में प्रायः लोग शुभता कि प्राप्ति के लिए अपने घर,मंदिर,प्रांगण अथवा कार्यस्थल में स्वास्तिक का निर्माण करते है लेकिन कहीं-कहीं यह देखने को मिलता है स्वास्तिक निर्माण के समय अज्ञानतावश स्वास्तिक रेखा के  निर्माण में कुछ त्रुटि कर दी जाती है या कहे उल्टा  Swastik  बना दिया जाता है , जिसका परिणाम  बहुत ही वीभत्स एवं भयानक होता है।

उल्टा स्वास्तिक बनाने के परिणाम:

सीधा स्वास्तिक आपके जीवन में जितनी तरक्की , भाग्योदय के अवसर लाता है उल्टा स्वास्तिक उतनी ही तीव्र गति से आपसे सबकुछ छीन लेता है । आगमशास्त्रों में भी वर्णित है’  त्रिदशाः पितरः सिद्धा यक्षा रक्षांसि किन्नराः।  साध्याः विद्याधराः भूताः मनुष्याः पशवः खगाः।।
उल्टे स्वस्तिक में मुख्यरूप से भूतमण्डल कि कुछ अत्यंत तमो गुणी एवं रजोगुणी शक्तियों का वास होता है जिनका नाम त्रिदशा; पितर; सिद्धा; यक्ष; राक्षस; भूत; मनुष्य; पशव: खग; इत्यादि…

यह शक्तियां शनैःशनैः आपके जीवन मे उथलपुथल प्रारम्भ करती है इसलिए स्वास्तिक का निर्माण बहुत ही चैतन्यता एवं जागरूकता से करे।

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